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जकर्याह: पुनर्निर्माण और भविष्य की आशा

जकर्याह पुराने नियम का एक महत्वपूर्ण भविष्यवाणी ग्रंथ है। यह पुस्तक मंदिर के पुनर्निर्माण के समय लिखी गई थी और इसमें इस्राएल के भविष्य के बारे में कई महत्वपूर्ण दृष्टि दी गई हैं।

जकर्याह 4:6 में लिखा है, “न तो सेना के बल से, न पराक्रम से, परन्तु मेरी आत्मा से ही यह काम होगा, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।” यह पद दर्शाता है कि परमेश्वर की आत्मा ही वास्तविक परिवर्तन लाती है।

जकर्याह की पुस्तक में मसीह की आने वाली पहली और दूसरी आगवानी के बारे में भी भविष्यवाणियां मिलती हैं। यह पुस्तक आशा और उम्मीद का संदेश देती है, जिसमें परमेश्वर के राज्य की स्थापना और उसके लोगों के पुनरुद्धार का वादा किया गया है।

जकर्याह की पुस्तक हमें परमेश्वर की शक्ति और उसके वचनों पर भरोसा करने की प्रेरणा देती है। यह पुस्तक भविष्य के लिए आशा की किरण जलाती है।

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