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25  (3)यूहन्ना की पत्री

यूहन्ना की पत्री (3 John) नए नियम की पच्चीसवीं पुस्तक है और गयुस नामक एक व्यक्तिगत व्यक्ति को लिखी गई है। यह पत्री मुख्यतः सच्चे शिक्षकों का समर्थन करने और झूठे शिक्षकों की आलोचना करने पर केंद्रित है।

मुख्य विषय:

  1. सच्चे शिक्षकों का समर्थन:
    • सच्चे शिक्षकों और मिशनरियों को समर्थन देना, और उनके कार्यों की सराहना करना।
  2. झूठे शिक्षकों की आलोचना:
    • झूठे शिक्षकों और उनके भ्रामक शिक्षाओं की आलोचना और उनसे दूर रहने की सलाह।
  3. प्रेम और आचरण:
    • प्रेम और सच्चे ईसाई आचरण पर ध्यान केंद्रित करना, और विश्वासियों को अच्छे कार्यों में बढ़ावा देना।

प्रमुख खंड:

  1. सच्चे शिक्षकों का समर्थन (अध्याय 1-8):
    • गयुस के अच्छे कार्यों की सराहना और सच्चे शिक्षकों को समर्थन देने की सलाह।
  2. झूठे शिक्षकों की आलोचना (अध्याय 9-10):
    • झूठे शिक्षक दियोट्रिफ्स की आलोचना और उनके भ्रामक प्रभावों से सावधान रहने की सलाह।
  3. प्रेम और आचरण (अध्याय 11-14):
    • सच्चे प्रेम और आचरण का महत्व, और अच्छे कार्यों को बनाए रखने की प्रेरणा।

संरचना:

  1. अध्याय 1-8:
    • गयुस के अच्छे कार्यों की सराहना और सच्चे शिक्षकों का समर्थन।
  2. अध्याय 9-10:
    • झूठे शिक्षकों की आलोचना और भ्रामक प्रभावों से बचाव।
  3. अध्याय 11-14:
    • सच्चे प्रेम और आचरण पर ध्यान और अच्छे कार्यों की प्रेरणा।

विशेषताएँ:

  1. सच्चे शिक्षकों का समर्थन:
    • सच्चे शिक्षकों और मिशनरियों की सराहना और समर्थन।
  2. झूठे शिक्षकों की आलोचना:
    • झूठे शिक्षकों की आलोचना और उनसे बचाव।
  3. प्रेम और आचरण:
    • प्रेम और सच्चे ईसाई आचरण का महत्व और अच्छे कार्यों को बनाए रखना।

यह पत्री गयुस की अच्छाई और ईसाई जीवन के नैतिक पहलुओं पर केंद्रित है, और इसे ईसाई जीवन में सच्चे शिक्षकों का समर्थन और झूठे शिक्षकों की आलोचना के महत्व को स्पष्ट करने के लिए लिखा गया है।

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